छीना-झपटी करना, भूख लगने पर नाश्ते के डिब्बे टटोलना, बात-बात
2.
जितना मिलता है, उतने के लिए छीना-झपटी करना कँगले को ठीक लगता है।
3.
उसका घर-भर में उन्मुक्त होकर घूमना, खिलखिलाना, दिन-भर ध्रुव डार्लिंग की रट लगाना, शिव से छीना-झपटी करना, भूख लगने पर नाश्ते के डिब्बे टटोलना, बात-बात पर गले में झूल जाना-सब-कुछ आँखों में खटकने लगता।